Enter your keyword

post

गर्भावस्था में ये सावधानियां रखें

गर्भावस्था में ये सावधानियां रखें

डॉ रचना दुबे कहती हैं कि मां बनना किसी भी महिला के लिए सबसे सुखद एहसास होता है। ये सिर्फ 9 महीने का सफर ही नहीं होता है बल्कि इसके परिणाम बच्चे में जीबनभर दिखते हैं। कुछ खास बातें जो प्रेग्नेंसी में नहीं करना चाहिए। जैसे भारी वजन ना उठाएं, अधिक समय तक खड़े ना रहें, हील वाली सेंडिल का प्रयोग न करें और अनावश्यक रूप से टू या श्री व्हीलर में लंबा सफर ना करें। जंक फूड, तला या मसालेदार खाना न खाएं क्योंकि इससे एसिडिटी बढ़ती है और ये प्रेग्नेंसी के लिए हानिकारक है। |

माता की हर गतिविधि, बौद्धिक विचारधारा को सुनकर गर्भस्थ शिशु अपने आपको प्रशिक्षित करता है। तेजस्वी संतान के लिए जरूरी है कि आप हमेशा खुश रहें, टी.वी. में हिंसा को बढ़ावा देने वाले दृश्यों से बचें, धार्मिक जीवन चरित्रों को पढ़ें। परिवार का लक्ष्य होना चाहिए कि घरेलू हिंसा, भावनात्मक शोषण से गर्भवती को मुक्त रखें। सिगरेट के धुएं मे निकोटिन, कार्बन मोनों आक्साइड जैसे जहरीले पदार्थ होते हैं जिससे बच्चे का समुचित विकास रुक जाता है। इससे बच्चे तुलनात्मक रूप से छोटे.. तथा लो बर्थ वेट होते हैं तथा जन्म के समय उनकी मृत्यु की आशंका भी अधिक होती है। गर्भावस्थां में शराब पीना अत्यधिक हानिकारक होता है। इससे शिशु को फीटल अल्कोहल स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर्स जैसे इंट्रायूटिराइन ग्रोथ कम हो जाना, गर्भपात की आशंका बढ़ जाना तथा बच्चे के शारिरक व मानसिक विकास में कमी आती है। आखिरी के तीन महीने में सेक्सुअल एक्टिविटी को कम कर देना चाहिए तथा गर्भ पर या पेट पर दबाव नहीं पड़ना चाहिए। प्रेग्नेंसी के दौरान पेट का एक्स- रे नहीं कराना चाहिए। इससे बच्चों में कई तरह की जन्मजात विकृतियां तथा ब्लड कैंसर, माइक्रोसेफेली हो सकती है।

डॉ रचना दुबे ने बताया कि कुछ दवाईयां प्रेग्नेंसी के दौरान बहुत हानिकारक होती हैं, जैसे- कार्टिकोस्ट्रोईड, थेलिडोमाइड, एलएसडी, स्टेप्टोमाइसिन पेथिडिन, इसलिए डॉक्टर की सलाह के बिना दवाइयों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कच्चा मीट, कच्चा अंडा, फीश खासतौर से सुशी (जिसमें मर्करी की मात्रा अधिक होती है), बिना धुली सब्जियां, अधिक मात्रा में काफी का सेवन नहीं करना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published.