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ये हैं बच्चों की ग्रोथ के माईलस्टोन्स

ये हैं बच्चों की ग्रोथ के माईलस्टोन्स

जन्म के पूर्व व जन्म के बाद माँ की चिंताएं बच्चे के विकास के प्रति कम नहीं होती पर क्या हर माँ को जन्म के उपरान्त बच्चे का विकास सही प्रकार से हो रहा है अथवा नहीं, इसकी जांच कराने के लिए डॉक्टर के पास जाना अनिवार्य है? शायद नहीं? क्योंकि WHO चाइल्ड ग्रोथ स्टैण्डर्ड चार्ट के माध्यम से माँ स्वयं आश्वस्त हो सकती है की बच्चे का विकास सामान्य रूप से हो रहा है अथवा नहीं। ये चार्ट आंगनबाड़ी तथा सरकारी अस्पतालों में निःशुल्क मिलते हैं।

आमतौर से बच्चों का विकास इस प्रकार होना चाहिए

वजन : – बर्थवेट से 10 फीसदी वजन पहले हफ्ते में घटता है, फिर अगले 3 माह तक लगभग 25 ग्राम प्रतिदिन बढ़ता है । 5 वें महिने में बर्थवेट दोगुना, 1 साल में तिगुना तथा 2 साल में चौगुना होता है।

लम्बाई : – नवजात शिशु की लम्बाई लगभग 50 सेमी होती है। 3 महिने में 60 सेमी, 9 महिने में 70 सेमी तथा 1 साल में 75 सेमी लम्बाई होती है। एक औसत बच्चे की लम्बाई साढ़े चार साल में 100 सेमी होती है तथा 10 साल की उम्र तक 5 सेमी लम्बाई प्रतिवर्ष बढ़ती है।

सिर की गोलाई :- जन्म पर लगभग 34 सेमी जो कि सीने कि चौड़ाई से लगभग 2 सेमी ज्यादा। 9 महिने से 1 साल में दोनों लगभग बराबर है, उसके बाद चेस्ट सरकमफेरेंस बढ़ता है।

दांत :- दांत निकलने की शुरुआत 6 से 7 वें महिने में नीचे मसूडों से होती है। दो साल तक लगभग 20 दांत निकल आते हैं और 7 साल के बाद वे गिरने लगते हैं। जन्म से लेकर एक साल तक, दांतों और मसूडों को साफ़ एवं गीले कपडे से साफ़ करें। एक साल की आयु के बाद दांतों को नरम ब्रश से साफ़ करना शुरू करें।

बोलना तथा चलना :- ‘Walk at one & Talk at Two’ बच्चा 1 साल में बिना सहारे खड़ा होना तथा कुछ कदम चलना सीख जाता है। 9 महिने में बच्चा बा-बा, मा-मा, दा-दा बोलने लगता है तथा 2 साल में अच्छे से बोलने लगता है।

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